• About Us
  • Contact Us
  • Copyright, Terms and Conditions
  • Events
  • Grievance Redressal Mechanism
  • Home
  • Login
Indian Cultural Forum
The Guftugu Collection
  • Features
    • Bol
    • Books
    • Free Verse
    • Ground Reality
    • Hum Sab Sahmat
    • Roundup
    • Sangama
    • Speaking Up
    • Waqt ki awaz
    • Women Speak
  • Conversations
  • Comment
  • Campaign
  • Videos
  • Resources
  • Contact Us
    • Grievance Redressal Mechanism
  • About Us
No Result
View All Result
  • Features
    • Bol
    • Books
    • Free Verse
    • Ground Reality
    • Hum Sab Sahmat
    • Roundup
    • Sangama
    • Speaking Up
    • Waqt ki awaz
    • Women Speak
  • Conversations
  • Comment
  • Campaign
  • Videos
  • Resources
  • Contact Us
    • Grievance Redressal Mechanism
  • About Us
No Result
View All Result
Indian Cultural Forum
No Result
View All Result
in Features, Speaking Up

दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर विपक्षी दलों का प्रदर्शन

byन्यूज़क्लिक रिपोर्ट
August 22, 2019
Share on FacebookShare on Twitter

दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर विपक्षी दलों का प्रदर्शन

कांग्रेस, वाम, डीएमके समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने जम्मू-कश्मीर में हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई की मांग करते हुए 22 अगस्त,बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, सपा नेता रामगोपाल यादव, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा और तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

इन नेताओं ने मांग की, कि जम्मू कश्मीर में हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा किया जाए और वहां दूरसंचार सेवाएं बहाल की जाएं।

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम भी विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन में नेशनल कांफ्रेंस के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

विपक्षी नेताओं ने एक प्रस्ताव भी पारित किया और कहा कि राज्य के लोगों से विचार-विमर्श किए बिना अनुच्छेद 370 के प्रमुख प्रावधानों को हटाए जाने की वजह से कश्मीर घाटी में अघोषित आपातकाल की स्थिति है।

प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘हम मुश्किल समय में जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ खड़े हैं। संचार व्यवस्था को पूरी तरह ठप्प कर देने और पूर्व मुख्यमंत्रियों,नेताओं और समाज के लोगों को को हिरासत में रखने का निर्णय गंभीर चिंता का विषय है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम मुख्य धारा के नेताओं और निर्दोष नागरिकों की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं।’’

विरोध का आह्वान डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने एक ट्वीट जरिए किया , हालांकि वे खुद विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए।

Parliamentarians from likeminded parties will participate in the meeting at Jantar Mantar in New Delhi at 11 AM on 22nd August to demand the immediate release of Kashmiri political leaders who have been detained by the Union Govt. pic.twitter.com/KkRDCNLQhn

— M.K.Stalin (@mkstalin) August 19, 2019

सीताराम येचुरी ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, “भारतीय जनता पार्टी ने कश्मीर का सैन्य अधिग्रहण कर के संविधान में बदलाव किया है।” आगे उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र का एक मज़ाक है। यह भाजपा के प्रमुख नेताओं के वक्तव्यों के भी खिलाफ है। एक बार अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था, कि कश्मीर मुद्दे के समाधान का मुख्य स्तंभ कश्मीरियत, इंसानियत और जमहूरियत है ।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 5 अगस्त को घोषणा किए जाने के बाद से जम्मू और कश्मीर में लोकतंत्र को लेकर कई सवाल उठ रहे है। कश्मीर की राजनीति के कई प्रतिष्ठित व्यक्ति जैसे फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, शाह फैसल वर्तमान में गिरफ़्तार या  नजरबंदी में हैं ।

राजद के नेता मनोज झा ने कहा, हमने भाजपा सरकार के “ऑर्केस्ट्रा” में शामिल होने का विकल्प नहीं चुना है, जो यह कह रहे हैं कि “कश्मीर में ऑल इज वेल” है।

मनोज झा ने कहा, “भाजपा सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री को किस आधार पर हिरासत में लिया है,” … और यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि संसद में बहुमत के खिलाफ नैतिक बहुमत से समझौता किया जा रहा है।

इसी तरह की भावनाओं को दोहराते हुए, जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने विपक्ष को एक साथ आने और राज्य में गंभीर घटनाओं के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए धन्यवाद दिया।

गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का कदम उठाया। इसके बाद से राज्य के कई इलाकों में भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई और मोबाइल एवं इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती सहित कई नेताओं को हिरासत में लिया गया अथवा नजरबंद किया गया।


 

सौजन्य न्यूज़क्लिक।

Related Posts

Zwigato Director Nandita Das on Kapil Sharma, Censorship And More
Speaking Up

Zwigato Director Nandita Das on Kapil Sharma, Censorship And More

byNewsclick Team
When culture is hijacked and universities atrophy: The continuing relevance of Uddhavasta Dharmashala
Speaking Up

When culture is hijacked and universities atrophy: The continuing relevance of Uddhavasta Dharmashala

byDeepa Punjani
Significance of caste discrimination ban in Seattle
Speaking Up

Significance of caste discrimination ban in Seattle

byRia Chakrabarty

About Us
© 2023 Indian Cultural Forum | Copyright, Terms & Conditions | Creative Commons LicenseThis work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License
No Result
View All Result
  • Features
  • Bol
  • Books
  • Free Verse
  • Ground Reality
  • Hum Sab Sahmat
  • Roundup
  • Sangama
  • Speaking Up
  • Waqt ki awaz
  • Women Speak
  • Conversations
  • Comment
  • Campaign
  • The Guftugu Collection
  • Videos
  • Resources
  • About Us
  • Contact Us
  • Grievance Redressal Mechanism

© 2023 Indian Cultural Forum | Creative Commons LicenseThis work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms bellow to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In