न्यूज़क्लिक ने हिंदी के वरिष्ठ लेखक उदय प्रकाश से अनेक लेखकों द्वारा साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाए जाने पर चर्चा की. इसकी शुरुआत उदय प्रकाश ने एम.एम.कालबुर्गी की हत्या के विरोध में पुरस्कार लौटा कर की थी. उदय प्रकाश ने बताया कि वर्तमान समय में अभिव्यक्ति की आज़ादी पर जो लगातार हमले किए जा रहे हैं वह अकल्पनीय हैं. वर्तमान सरकार ने इस पर चुप्पी साध कर इसे बढ़ावा देने का काम किया है. साथ ही उनके अनुसार पुरस्कार लौटते समय उन्होंने यह कल्पना नहीं की थी कि यह इतने बड़े विरोध का रूप लेगा पर इससे यह स्पष्ट होता है कि जनमानस में कितना रोष है. उदय प्रकाश यह मानते हैं कि वर्तमान समय में स्वायत्त संस्थानों और सरकार में कोई फर्क नहीं रह गया है और इसका उदहारण है कालबुर्गी की हत्या पर साहित्य अकादमी का मौन रहना. उन्होंने साहित्यकारों और कला के जरिये प्रतिरोध को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा की.