सोमवार, 30 अक्टूबर को डी.डी.ए. द्वारा दिल्ली पुलिस की मदद से कठपुतली कॉलोनी के बाशिंदों को जबरन निकालने और उनके घरों पे बुलडोज़र चलाने की घटना की जन नाट्य मंच कड़े शब्दों में निंदा करता है। इस पूरी घटना को अंजाम देते हुए पुलिस ने विरोध कर रहे स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज किया और सौ से अधिक घरों को पूरी तरह से तोड़ दिया। पचास साल से भी अधिक समय से यहाँ रहने वाले विस्थापित परिवार अपने बचे-खुचे सामान के साथ सड़क पर रात गुज़ारने को मजबूर हैं।
कठपुलती कॉलोनी को पुनः विकसित करने के नाम पर यह ज़मीन 2009 में सरकार ने बड़े रियल एस्टेट डेवेलपर्स को दे दी थी। कहा गया था कि निजी बिल्डर 2,800 नए फ्लैट यहां के निवासियों को देंगे और बची हुई जमीन पर फ्लैट बनाकर बाहर के लोगों को बेचेगे। निर्माण के दौरान कॉलोनी के निवासियों को आनंद परबत के ट्रांजिट कैंप में जगह देने की भी योजना थी। लेकिन कॉलोनी के निवासियों का कहना है कि यहां 5 हजार से अधिक रह रहे परिवारों में से फ्लैट केवल आधों को ही मिल रहे हैं। कुछ निवासी मजबूरी में कैंप में रहने चले गए हैं लेकिन ट्रांजिट कैंप मैं सफाई और पानी जैसी बुनयादी सुविधाएं तक खस्ता हाल में हैं। यह पूरा मामला अनियोजित व अपर्याप्त शहरी विकास योजना का जीवित उदाहरण है जिसमें फायदा केवल बड़े निजी बिल्डरों का ही होना है। 2009 से लेकर अब तक किसी भी सरकार ने इस मुद्दे पर कॉलोनी के निवासियों का साथ नहीं दिया है। इस मामले में बिल्डर लॉबी बेहद सक्रिय है और लगातार दबाव कि स्थिति बनाये हुए है।
कठपुतली कॉलोनी ने हमें कई प्रतिभावान पप्पेटियर्स और स्ट्रीट परफॉर्मर्स दिए हैं जिन्होंने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए ख्याति अर्जित की है। यदि पिछली व मौजूदा सरकार चाहती तो समुचित शहरी योजना के तहत इस इलाके का विकास अलग ढंग से किया जा सकता था। प्रतिभा और कला से भरपूर शहर के बीचों-बीच बसे इस इलाके को कला केंद्र में तब्दील किया जा सकता था। यह इलाका कला पर्यटन के ज़रिए यहां के बाशिंदों और सरकार के लिए आय का साधन बन सकता था। लेकिन इस विस्थापना के चलते यहां के कलाकारों का परिवार, जीविका और कला सभी कुछ ख़तरे में हैं।
पिछले पांच सालों में जन नाट्य मंच व स्टूडियो सफ़दर के साथ इस कॉलोनी के कलाकारों का कला आधारित एक जीवंत रिश्ता बना है। जन नाट्य मंच जल्द से जल्द विस्थापित परिवारों की पुनः स्थापना और कॉलोनी के पुनर्विकास की मांग करते हुए कठपुतली कॉलोनी के साथी कलाकारों के प्रति अपनी एकजुटता प्रकट करता है।