Mark Bradford, 'Duck Walk', Mixed media on canvas, 275×428 cm, 2016.
आमजन का फासीवाद
आने वाले दिनों में
नैतिकता खूनी की नज़र में होगी
अपने कमरों में बैठे बच्चे
दुनिया में नुस्ख़ निकालेंगे
युवा नोटा पर वोट डालेंगे
और सोशल वर्क करेंगे
कवि, लेखक और कलाकार
अख़बार में कॉलम लिखेंगे
मोहब्बत में, दोस्ती में
ग़लतियाँ नही होंगी बर्दाश्त
माँएं अपने बच्चों को सुलाएँगी
कह कर "सभी ऐसे ही करते हैं"
अच्छे लोग यकीन की रक्षा करेंगे
बुरे लोग यकीन की खेती करेंगे
रोजमर्रा की इंसानियत
थोड़ी मोड़ी शरम बचा लें
थोड़ा मोड़ा मरम बचा लें
आँखें गीली रहने दें भई
आँसू थोड़े गरम बचा लें
खुद को अपना अक्स दिखाएँ
तबियत अपनी नरम बचा लें
मंदिर जोडें, मस्जिद जोडें
पंथ से अपने चरम बचा लें
यहाँ गिरा इक, वहाँ गिरा है
घर में सबकी शरण बचा लें
ज़हन में अपने यार बिठा लें
जिसका बचता धरम बचा लें