ज़रा सोचकर देखिये कि जिसके जीवन में शिक्षा नहीं है, उसके लिए शिक्षा का क्या मतलब है? जिसके जीवन की बीमारी ने उसे क़र्ज़ के समंदर में डाल दिया है, उसके लिए आज़ादी का क्या मतलब है? जिसके जीवन में रोज़गार नहीं है, क्या वह अपने जीवन में आज़ादी को महसूस कर पाता होगा? आज़ादी से लेकर अब तक शिक्षा, स्वास्थय और रोज़गार के मामले में भारत का क्या हाल है? इसी विषय पर इस वीडियो में आर्थिक मामलों के जानकार एसोसिएट प्रोफेसर नरेंद्र से बातचीत की गयी है।
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