माया कृष्ण राव की ये कृति उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की के साथ हुए अत्याचार के मामले में महत्वपूर्ण सवाल उठाती है। इस लड़की के साथ हुए यौन उत्पीड़न, क्रूर अत्याचार और हत्या ने, यूपी सरकार पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर दिया है — उच्च जातियों को किस तरह से राजनैतिक स्वच्छंदता प्राप्त है, जिसके कारण अल्पसंख्यकों और दलितों को प्रतिदिन हिंसा के भेंट चढ़ा दिया जा रहा है। ये घटनाएं इस बात की ओर भी इशारा करती हैं कि प्रतिरोध की आवाज़ों को पहले से कहीं ज़्यादा ज़ोर से बोलने की ज़रूरत है।
मैं जीभ के बग़ैर भी गाउंगी