जावेद अख़्तर, शबाना आज़मी, मोलोयश्री हाश्मी, सुधन्वा देशपांडे और कोमिता ढांडा एकत्रित हुए 2 जनवरी को स्टूडियो सफ़दर में। इस कार्यक्रम में वह चर्चा करते हैं सामाजिक आंदोलन, राजनीती, रंगमंच, कला और कलाकार, और सुधन्वा देशपांडे द्वारा लिखी क़िताब हल्ला बोल: सफ़दर हाश्मी की मौत और ज़िन्दगी पर।