• About Us
  • Contact Us
  • Copyright, Terms and Conditions
  • Events
  • Grievance Redressal Mechanism
  • Home
  • Login
Indian Cultural Forum
The Guftugu Collection
  • Features
    • Bol
    • Books
    • Free Verse
    • Ground Reality
    • Hum Sab Sahmat
    • Roundup
    • Sangama
    • Speaking Up
    • Waqt ki awaz
    • Women Speak
  • Conversations
  • Comment
  • Campaign
  • Videos
  • Resources
  • Contact Us
    • Grievance Redressal Mechanism
  • About Us
No Result
View All Result
  • Features
    • Bol
    • Books
    • Free Verse
    • Ground Reality
    • Hum Sab Sahmat
    • Roundup
    • Sangama
    • Speaking Up
    • Waqt ki awaz
    • Women Speak
  • Conversations
  • Comment
  • Campaign
  • Videos
  • Resources
  • Contact Us
    • Grievance Redressal Mechanism
  • About Us
No Result
View All Result
Indian Cultural Forum
No Result
View All Result
in Features, Speaking Up

एएमयूः ‘पुलिस में शिकायत करने वाले छात्रों को निकाल दिया जाएगा और आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे’

byन्यूज़क्लिक रिपोर्ट
December 26, 2019
Share on FacebookShare on Twitter

एएमयूः ‘पुलिस में शिकायत करने वाले छात्रों को निकाल दिया जाएगा और आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे’

एनआरसी और सीएए को लेकर नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों पर जिस दिन पुलिस बर्बर कार्रवाई कर रही थी ठीक उसी दिन यानी 15 दिसंबर को यूपी पुलिस अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्रों पर क़हर ढा रही थी।

यूपी पुलिस की बर्बरता की दास्तान विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले 19 वर्षीय लॉ के एक छात्र कारवां-ए-मोहब्बत और इंडियन कल्चर फोरम (ICF) की फैक्ट फाइंडिंग टीम को बताते हैं। आईसीएफ  में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़ वे कहते हैं ‘15 दिसंबर की रात जब पुलिस यूनिवर्सिटी परिसर में घुसी तो मैंने लाइब्रेरी से घर की तरफ जाने की कोशिश की। लेकिन इस दौरान मेरा सामना पुलिस से हो गया और में बर्बर कार्रवाई का शिकार हो गए।

इस घटना में मेरा हाथ टूट गया और पुलिस ने मुझे हिरासत में ले लिया। पुलिस ने थाना ले जाने के लिए मुझे ट्रक में बैठा लिया और रास्ते भर टूटे हुए हाथ को मरोड़ती रही और सांप्रदायिक तंज करती रही। थाना में मेरे कपड़े उतार कर चमड़े के बेल्ट से पीटा गया।’ इस घटना के संबंध में वे पुलिस को शिकायत करना नहीं चाहते हैं।

फैक्ट फाइंडिंग टीम ने 17 दिसंबर को विश्वविद्यालय का दौरा किया था। टीम ने फैकल्टी, छात्रों, डॉक्टरों और विश्वविद्यालय प्रशासन के कई सदस्यों के साथ रजिस्ट्रार और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर सहित कई अधिकारियों के साथ मुलाकात की। टीम की वाइस चांसलर से मुलाकात नहीं हो सकी। उन्हें कहा गया वाइस चांसलर आउट ऑफ स्टेशन हैं। ये बात सुनकर टीम के सदस्य हैरान रह गए कि महज़ दो दिनों पहले यूनिवर्सिटी परिसर में पुलिस ने छात्रों पर कार्रवाई की थी और वे अलीगढ़ में नहीं हैं।

एएमयू का दौरा करने वाली टीम को कई छात्रों ने कहा कि उन्हें यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से चेतावनी दी गई है कि अगर कोई भी छात्र पुलिस में शिकायत करता है तो उन्हें यूनिवर्सिटी से निकाल दिया जाएगा और उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामलों सहित राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। इस डर से कई घायल छात्र इलाज के लिए सरकारी अस्पताल नहीं गए कि उनका नाम सार्वजनिक हो जाएगा और प्रशासन उन पर कार्रवाई करेगी।

यूनिवर्सिटी का दौरा करने वाली फैक्ट फाइंडिंग टीम में हर्ष मंदर (मानवाधिकार कार्यकर्ता और लेखक), नंदिनी सुंदर (प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय), जॉन दयाल (वरिष्ठ पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता), नताशा बधवार (फिल्म निर्माता), विमल (एनएपीएम से जुड़े मानवाधिकार कार्यकर्ता), अंकिता रामगोपाल (वकील, करवान ए मोहब्बत), सुमित कुमार गुप्ता (वकील, करवान ए मोहब्बत), इशिता मेहता (भारतीय लेखक मंच), वर्दा दीक्षित (भारतीय लेखक मंच), वर्ना बालकृष्णन (शोधकर्ता, करवान ए मोहब्बत), सैयद मोहम्मद ज़हीर (शोधकर्ता, करवान ए मोहब्बत), अनवर हक (करवान ए मोहब्बत) और संदीप यादव (फोटोग्राफर, कारवान ए मोहब्बत) शामिल थें।

टीम के सदस्यों ने बताया कि जब उन्होंने 17 दिसंबर को दोपहर के समय यूनिवर्सिटी में प्रवेश किया तो आंसू गैस के गोले के खोखे इधर-उधर पड़े देखे लेकिन ख़ून के धब्बे और टूटी हुई गाड़ियां नहीं देखी। एक ही दिन में हिंसा की सभी निशानियों को बड़ी चालाकी से मिटा दिया गया। 17 दिसंबर तक विश्वविद्यालय में रहने वाले लगभग 21 हज़ार छात्रों को ख़ाली करा दिया गया। छात्रों के बिना परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ था। चारों तरफ तैनात पुलिस बल को देखा जा सकता था।

बता दें कि 11 दिसंबर को राज्यसभा से नागरिकता संशोधन क़ानून पास होने के बाद विश्वविद्यालय को छात्रों ने डाइनिंग हॉल का बहिष्कार करते हुए सामूहिक भूख हड़ताल किया और शांतिपूर्ण तरीक़े से विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के बावजूद छात्रों ने विश्वविद्यालय के सभी दायित्वों को निर्वहन करते हुए अपने परीक्षाओं की तैयारी में जुटे रहे और लाइब्रेरी में पढ़ाई करते रहे।

फैक्ट फाइंडिंग टीम की पूरी रिपोर्ट आप इस  लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।


सौजन्य न्यूज़क्लिक।

Related Posts

“ढाई आखर प्रेम”: एक अनोखी पदयात्रा
Speaking Up

“ढाई आखर प्रेम”: एक अनोखी पदयात्रा

byNewsclick Report
Experience as a Muslim Student in a Different era
Speaking Up

Experience as a Muslim Student in a Different era

byS M A Kazmi
What’s Forced Dalit IITian To End His Life?
Speaking Up

What’s Forced Dalit IITian To End His Life?

byNikita Jain

About Us
© 2023 Indian Cultural Forum | Copyright, Terms & Conditions | Creative Commons LicenseThis work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License
No Result
View All Result
  • Features
  • Bol
  • Books
  • Free Verse
  • Ground Reality
  • Hum Sab Sahmat
  • Roundup
  • Sangama
  • Speaking Up
  • Waqt ki awaz
  • Women Speak
  • Conversations
  • Comment
  • Campaign
  • The Guftugu Collection
  • Videos
  • Resources
  • About Us
  • Contact Us
  • Grievance Redressal Mechanism

© 2023 Indian Cultural Forum | Creative Commons LicenseThis work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms bellow to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In