बीते पाँच सालों में हमने देखा कि हमारे सह-नागरिकों ने नफ़रत की राजनीति और एक बराबर भारत के सपने के लिए कितनी ही हिम्मती लड़ाइयाँ लड़ी हैं। हर एक क्षेत्र में बीजेपी की दक्षिणपंथी सरकार और भारत को बर्बाद करने के ख़िलाफ़ छात्रों, शिक्षकों, किसानों, मज़दूरों, दलितों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों सब ने मिल कर अपनी आवाज़ें बुलंद की हैं। आज के चुनावी नतीजों ने यह बता दिया है कि हमारी लड़ाई अभी काफ़ी दूर है। लेकिन हम अपना दिल छोटा नहीं करेंगे। चुनाव के नतीजों ने एक मज़बूत लोकतंत्र और एक सही समाज के लिए हमारी लड़ाई को और मज़बूत करने का काम किया है। हम अपने संवैधानिक मूल्यों को बचाने और उन्हें क़ायम रखने के लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे। हम अपनी मौलिक आज़ादी और सुविधा पर होने वाले हमलों का लगातार विरोध करते रहेंगे।
इंडियन राइटर्स फ़ोरम