राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 20 हजार कार्यकर्ताओं के नेपाल पहुंचने की जो खबरें सोशल मीडिया पर शेयर हो रही हैं, उनमें कोई सचाई नहीं है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि ट्विटर और फेसबुक पर जो भूकंप में काम करते स्वयंसेवकों की जो तस्वीरें शेयर हो रही हैं वे दरअसल 2001 के गुजरात भूकंप की हैं।
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य शाइना एनसी ने रविवार को ट्वीट किया था कि मीडिया इस बात की खबर नहीं देगा कि आरएसएस के 20 हजार वर्कर्स मदद के लिए नेपाल जा रहे हैं।
यह ट्वीट न सिर्फ 400 से ज्यादा बार रीट्वीट हुआ बल्कि वायरल भी हो गया। कुछ घंटों बाद शाइना ने संघ से जुड़ने पर गर्व महसूस करने का भी ट्वीट किया। इसके बाद सोशल मीडिया पर इस बारे में हजारों पोस्ट और तस्वीरें शेयर हुईं। लेकिन ये तस्वीरें असल में गुजरात में 2001 में आए भूकंप के वक्त की थीं।
आरएसएस ने खुद ट्वीट कर बताया कि नेपाल में उसके भारी संख्या में कार्यकर्ताओं के काम करने की खबरें भ्रामक हैं। आरएसएस का ट्वीट था, ‘बचाव कार्य के लिए कार्यकर्ताओं के नेपाल जाने के बारे में मीडिया आंकड़ों को बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रहा है।’ संघ ने बताया कि इसकी नेपाली शाखा हिंदू स्वयंसेवक संघ के जरिए ही काम किया जाएगा। उसका ट्वीट था, ‘नेपाल सरकार के साथ मिलकर एक योजना बनाने के बाद ही आरएसएस के स्वयंसेवक एचएसएस के साथ मिलकर काम करेंगे।’
एचएसएस के साथ काम करने नेपाल पहुंचे संघ के वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होजबोले ने कहा कि इन खबरों में कोई सचाई नहीं है कि आरएसएस ने नेपाल में काम करने के लिए वर्कर्स भेजे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे एचएसएस कार्यकर्ताओं ने काम शुरू कर दिया है लेकिन वे भारतीय नहीं नेपाली ही हैं।