Image courtesy: Tripura India
कल 5 जनवरी 2020 की शाम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के परिसर में जिस तरह की खुलेआम हिंसा हुई, हम उसकी बेहद कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
भारी संख्या में सुरक्षा गार्डो की मौजूदगी वाले जेएनयू कैम्पस में करीब पचास नकाबपोश गुंडे बेरोकटोक अंदर घुसे और उन्होंने शिक्षकों तथा छात्र-छात्राओं को बुरी तरह पीटा व कइयों के सिर फोड़ दिए।
इस हमले में फीस वृद्धि के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को निशाना बनाया गया है। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत चालीस से अधिक छात्र शिक्षक बुरी तरह घायल हैं। इनका कहना है कि इस हमले को आरएसएस और एबीवीपी के लोगों ने सरकार और पुलिस के संरक्षण में अंजाम दिया है।
गौरतलब है कि कैम्पस के पास ही बसंत विहार थाने की पुलिस जेएनयू गेट पर खड़ी कार्रवाई करने का इंतज़ार करती रही।
दिल्ली पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन की सुनियोजित निष्क्रियता की वजह से हमलावरों ने पूरी निश्चिंतता से अपना काम किया और वहाँ से चले गए।
हम लेखक संगठन माँग करते हैं कि इस हिंसा की तत्काल निष्पक्ष जाँच हो और दोषियों को दण्डित किया जाए।
इसके साथ हमारी यह भी मांग है कि जेएनयू वी सी को तुरंत बर्खास्त किया जाए और अपनी जिम्मेदारी स्वीकारते हुए भारत के गृह मंत्री इस्तीफा दें।
शिक्षा संस्थानों को हिंसा और आतंक से बचाए रखना लोकतंत्र व संविधान की रक्षा की पूर्वशर्त है।